More Than 150 Years Shaadi Ke Parampara Abhi Tak
cc “संस्कृति में विवाह सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि एक अनुष्ठान है। यह दो आत्माओं, दो परिवारों, दो परंपराओं के मिलन के साथ एक नई पारिवारिक जीवन यात्रा की शुरुआत है, संस्कृति किसी भी देश, जाति और समुदाय की आत्मा होती है, भारतीय शादियाँ अपनी भव्यता और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। संस्कृति-व्यवहार से देश, जाति या समुदाय के उन सभी संस्कारों का पता चलता है, जिनके आधार पर वह अपने आदर्शों, जीवन मूल्यों आदि को निर्धारित करता है। इसीलिए संस्कृति का सरल अर्थ है संस्कृति, सुधार, परिवार, शुद्धि, और अलंकरण “
आप
सभी जानते हैं कि जो रिश्ते हमारी पुरानी संस्कृति में हुआ करते थे उन्हें हमारे
बड़े-बुजुर्ग यानी दादा-दादी द्वारा स्थापित करने की कोशिश की जाती थी, लेकिन आजकल इसमें बदलाव आ
गया है।
एक
सामाजिक वर्ग या सामाजिक स्तर पदानुक्रमित सामाजिक श्रेणियों के समूह में लोगों का
एक समूह है, जिनमें सबसे आम उच्च, मध्यम
और निम्न वर्ग हैं, इसी तरह विवाह प्रोफ़ाइल
श्रेणियां उपरोक्त वर्गों के समान हैं, तो आइए हम संभावित बिंदु
पर चर्चा करें उसकी एकपत्नीत्व से शादी।
निम्न वर्ग
यदि निम्न वर्ग के सभी
रिश्ते देखने होते हैं तो उनकी कोई अधिक मांग या अपेक्षा नहीं होती, बस
उनकी मूल मांग आम तौर पर यही होती है कि लड़का अच्छा और शराब न पीने वाला हो, अच्छा
कमाता हो और उसी वर्ग का हो। ताकि कुछ लड़के ज्यादा डिमांड न करें और दहेज या अन्य
डिमांड भी न करें। सीधे शब्दों में कहें तो उन्हें शादी का रास्ता दिखाने से लेकर
शादी करने तक सब कुछ सीमित तरीके से होता है, वे हर काम अपने सीमित
दायरे में ही करने की कोशिश करते हैं, किसी से कर्ज लेकर या उधार
लेकर नहीं।
वे इस रिश्ते को ज्यादा
दूर तक भी नहीं करना चाहते हैं और शादी में सीमित लोगों को ही बुलाते हैं और
ज्यादा धूमधाम से शादी नहीं करते हैं, सब कुछ सीमित तरीके से
होता है, बस उनकी साधारण-सी इच्छा
होती है कि शादी हो जाए ठीक तरीके से।
2. मध्यम वर्ग
पढ़ाई पूरी कर लि और यहाँ
शादी के योग्य है बस लड़का अच्छा हो एक ही जाति से है एक ही जाति से है सरकारी
नौकरी लगी हो या सरकारी नौकरी लग रही है यानी की मतलब जिसका जितना आर्थिक स्थिति
से जो मजबूत है उसी हिसाब से अनेक रिश्ता देखते है या पाता लगते है अपने रिस्तेदार
में या दोस्ताने में या जो शादी करवात हो जो उनने मुताबिक लड़का हो यदि कोई लड़का
पता चलता है जो उनके मांग के मुताबित हो तो एक दूसरे को बायोडाटा सेंड करते है
उसके बाद रीड एंड चेक करते है सब कुछ ठीक लगा तो लड़का के घर पर जाते है और लड़का को
देखते और चरित्र भी पता करते है उसने बाद लड़क लड़की को पसंद होता है तो आगे उनके
डिमांड सुनते है और बात बन गया तो कुछ राशि जो की भेट के रूप में दे देते है और
अगली मीटिंग में सगाई की बात करते है।
3. उच्च वर्ग
यदि
उच्च वर्ग के रिश्ते देखने होते हैं तो सामने वाला बात करते हैं और उनकी अपने
तरीके से वेरीफाई चाहिए कि लड़कियाँ वाली लड़का प्रोफ़ाइल देखते है और लड़का वाले
भी यानी कि लड़कि वाली प्रोफ़ाइल देकते हैं देखने के उसके बायोडाटा को पढ़ते हैं
पढ़ने के बाद हमें 90 % आईडिया लग जाते हैं लड़की वाला प्रोफाइल में 90 % मिलान है
और शेष 10% ही शेष जमीन स्तर मालूम करना होता है कभी तो जमीन स्तर का अंतर होता है
जिससे यह भी कुछ ना कुछ चीज होती है जो उसने नहीं बताया होता है। इसका मतलब कि यह
झूठ बोल रहा है ।
लड़की वाले के
रिक्वायरमेंट है लड़का आईआईटियन (IITn), आईआईएम(IIM) जो आईएएस(IAS), आईपीएस(IPS), आईएफएस(IFS),
प्रशासनिक अधिकारी पदों पर हैं या शीर्ष कंपनियों में काम कर रहे
हैं जैसा कि गूगल, एप्पल, ीबम, माइक्रोसॉफ्ट में जॉब कर रहा हो, लड़की वाला कहता है
मुझे तो 50 लाख से कम पैकेज का लड़का नहीं चाहिए।
यदि
लड़के का पैकेज 18 लाख का लड़का यदि उनको पसंद आ रहा है, घर
बार पसंद आ रहा है, फैमिली पसंद आ रही है तो
हम उसको यह समझा सकते हैं कि रु200000- रु300000 पैकेज अगर डाउन है तो कोई फर्क
नहीं पड़ता क्योकि देखो लड़के को भी देखो फैमिली बैकग्राउंड भी देखो स्टेटस भी
देखो आज की डेट में लड़का और लड़की मेन प्रॉब्लम कहाँ पर आ रही है कि रिश्तो आज की
डेट में वह रिश्ता, लड़का और लड़की के पसंद के
बिना नहीं करते, चाहें कोई भी उन्हें
प्रोफाइल भेजता हो, पहले रिश्ते के लिए पिता
माँ को देखते थे। , परिवार
को देखती थी, बड़ी आसानी से रिश्ते बना
लेती थी, आज की तारीख में बच्चे के
साथ परिवार भी चलता है। इसलिए
माता-पिता
द्वारा बायोडाटा देखने के बाद यह बायोडाटा माता-पिता को भेजा जाता है, उसके
बाद हर माता-पिता इसे 100% सहमत है लेकिन, 80%
इसे अपने बेटे-बेटियों को दिखाते हैं। बेटे यह बायोडाटा है यह लड़की है इतनी जॉब
है यह पैकेज आपको ठीक लगा अगर लड़की को लड़का पसंद आता है तो बात बनती है लड़की को
लड़का पसंद नहीं आता तो बात नहीं बनती हम बच्चे की पर्सनल टीवी देखते हैं हाइट भी
देखते हैं और राय भी सुनते है तो भी यदि बात नहीं बनती है तो दूसरा प्रोफाइल भेजते
हैं लड़की को लड़का पसंद आता है तो बात बनती है लेकिन लड़का को लड़की पसंद नहीं
आता तो बात नहीं बनती हम बच्चे की पर्सनैलिटी भी देखते हैं हाइट भी देखते हैं
मांगों को लड़का 6 फुट हाइट और है लड़के वाले की भी मांग होती है उसके बाद परिवार
और उसका बच्चा दोनों एक-दूसरे को ठीक से पसंद करते हैं तो बात बनती है,
कुछ
लोग इस कदर लड़की चाहिए जोकि कि सरकारी ऑफिसर हो और साथ हि संस्कारी हो या सुन्दर
सुसील संस्कारी हो जो हर कदम परिवार के साथ हो। दोनों परिवार के सदस्यों के जांच
पड़ताल करने और अपने बच्चे को भी संतुष्ट होने के बाद अंतिम चरण में पहुँच गता है
और, फिर अंत में लड़के के घर
पर एक और बैठक की व्यवस्था की जाती हैं, फिर कुछ सगुन और बुनियादी
रसम किए जाते और उसे अगली आगामी सगाई के रूप में अपनी बेटी की शादी के लिए बुक
किया लड़के जाता हैं।