More Than 150 Years Shaadi Ke Parampara Abhi Tak

12 August 2023   |   4


cc “संस्कृति में विवाह सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि एक अनुष्ठान है। यह दो आत्माओंदो परिवारोंदो परंपराओं के मिलन के साथ एक नई पारिवारिक जीवन यात्रा की शुरुआत हैसंस्कृति किसी भी देशजाति और समुदाय की आत्मा होती हैभारतीय शादियाँ अपनी भव्यता और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। संस्कृति-व्यवहार से देशजाति या समुदाय के उन सभी संस्कारों का पता चलता हैजिनके आधार पर वह अपने आदर्शोंजीवन मूल्यों आदि को निर्धारित करता है। इसीलिए संस्कृति का सरल अर्थ है संस्कृतिसुधारपरिवारशुद्धिऔर अलंकरण “

आप सभी जानते हैं कि जो रिश्ते हमारी पुरानी संस्कृति में हुआ करते थे उन्हें हमारे बड़े-बुजुर्ग यानी दादा-दादी द्वारा स्थापित करने की कोशिश की जाती थीलेकिन आजकल इसमें बदलाव आ गया है।

एक सामाजिक वर्ग या सामाजिक स्तर पदानुक्रमित सामाजिक श्रेणियों के समूह में लोगों का एक समूह हैजिनमें सबसे आम उच्चमध्यम और निम्न वर्ग हैंइसी तरह विवाह प्रोफ़ाइल श्रेणियां उपरोक्त वर्गों के समान हैंतो आइए हम संभावित बिंदु पर चर्चा करें उसकी एकपत्नीत्व से शादी।

  निम्न वर्ग

यदि निम्न वर्ग के सभी रिश्ते देखने होते हैं तो उनकी कोई अधिक मांग या अपेक्षा नहीं होतीबस उनकी मूल मांग आम तौर पर यही होती है कि लड़का अच्छा और शराब न पीने वाला होअच्छा कमाता हो और उसी वर्ग का हो। ताकि कुछ लड़के ज्यादा डिमांड न करें और दहेज या अन्य डिमांड भी न करें। सीधे शब्दों में कहें तो उन्हें शादी का रास्ता दिखाने से लेकर शादी करने तक सब कुछ सीमित तरीके से होता हैवे हर काम अपने सीमित दायरे में ही करने की कोशिश करते हैंकिसी से कर्ज लेकर या उधार लेकर नहीं।

वे इस रिश्ते को ज्यादा दूर तक भी नहीं करना चाहते हैं और शादी में सीमित लोगों को ही बुलाते हैं और ज्यादा धूमधाम से शादी नहीं करते हैंसब कुछ सीमित तरीके से होता हैबस उनकी साधारण-सी इच्छा होती है कि शादी हो जाए ठीक तरीके से।

2.   मध्यम वर्ग

पढ़ाई पूरी कर लि और यहाँ शादी के योग्य है बस लड़का अच्छा हो एक ही जाति से है एक ही जाति से है सरकारी नौकरी लगी हो या सरकारी नौकरी लग रही है यानी की मतलब जिसका जितना आर्थिक स्थिति से जो मजबूत है उसी हिसाब से अनेक रिश्ता देखते है या पाता लगते है अपने रिस्तेदार में या दोस्ताने में या जो शादी करवात हो जो उनने मुताबिक लड़का हो यदि कोई लड़का पता चलता है जो उनके मांग के मुताबित हो तो एक दूसरे को बायोडाटा सेंड करते है उसके बाद रीड एंड चेक करते है सब कुछ ठीक लगा तो लड़का के घर पर जाते है और लड़का को देखते और चरित्र भी पता करते है उसने बाद लड़क लड़की को पसंद होता है तो आगे उनके डिमांड सुनते है और बात बन गया तो कुछ राशि जो की भेट के रूप में दे देते है और अगली मीटिंग में सगाई की बात करते है। 

3.       उच्च वर्ग

यदि उच्च वर्ग के रिश्ते देखने होते हैं तो सामने वाला बात करते हैं और उनकी अपने तरीके से वेरीफाई चाहिए कि लड़कियाँ वाली लड़का प्रोफ़ाइल देखते है और लड़का वाले भी यानी कि लड़कि वाली प्रोफ़ाइल देकते हैं देखने के उसके बायोडाटा को पढ़ते हैं पढ़ने के बाद हमें 90 % आईडिया लग जाते हैं लड़की वाला प्रोफाइल में 90 % मिलान है और शेष 10% ही शेष जमीन स्तर मालूम करना होता है कभी तो जमीन स्तर का अंतर होता है जिससे यह भी कुछ ना कुछ चीज होती है जो उसने नहीं बताया होता है। इसका मतलब कि यह झूठ बोल रहा है ।

लड़की वाले के रिक्वायरमेंट है लड़का आईआईटियन (IITn), आईआईएम(IIM) जो आईएएस(IAS), आईपीएस(IPS), आईएफएस(IFS), प्रशासनिक अधिकारी पदों पर हैं या शीर्ष कंपनियों में काम कर रहे हैं जैसा कि गूगल, एप्पल, ीबम, माइक्रोसॉफ्ट में जॉब कर रहा हो, लड़की वाला कहता है मुझे तो 50 लाख से कम पैकेज का लड़का नहीं चाहिए।

यदि लड़के का पैकेज 18 लाख का लड़का यदि उनको पसंद आ रहा हैघर बार पसंद आ रहा हैफैमिली पसंद आ रही है तो हम उसको यह समझा सकते हैं कि रु200000- रु300000 पैकेज अगर डाउन है तो कोई फर्क नहीं पड़ता क्योकि देखो लड़के को भी देखो फैमिली बैकग्राउंड भी देखो स्टेटस भी देखो आज की डेट में लड़का और लड़की मेन प्रॉब्लम कहाँ पर आ रही है कि रिश्तो आज की डेट में वह रिश्तालड़का और लड़की के पसंद के बिना नहीं करतेचाहें कोई भी उन्हें प्रोफाइल भेजता होपहले रिश्ते के लिए पिता माँ को देखते थे। परिवार को देखती थीबड़ी आसानी से रिश्ते बना लेती थीआज की तारीख में बच्चे के साथ परिवार भी चलता है। इसलिए

माता-पिता द्वारा बायोडाटा देखने के बाद यह बायोडाटा माता-पिता को भेजा जाता हैउसके बाद हर माता-पिता इसे 100% सहमत है लेकिन80% इसे अपने बेटे-बेटियों को दिखाते हैं। बेटे यह बायोडाटा है यह लड़की है इतनी जॉब है यह पैकेज आपको ठीक लगा अगर लड़की को लड़का पसंद आता है तो बात बनती है लड़की को लड़का पसंद नहीं आता तो बात नहीं बनती हम बच्चे की पर्सनल टीवी देखते हैं हाइट भी देखते हैं और राय भी सुनते है तो भी यदि बात नहीं बनती है तो दूसरा प्रोफाइल भेजते हैं लड़की को लड़का पसंद आता है तो बात बनती है लेकिन लड़का को लड़की पसंद नहीं आता तो बात नहीं बनती हम बच्चे की पर्सनैलिटी भी देखते हैं हाइट भी देखते हैं मांगों को लड़का 6 फुट हाइट और है लड़के वाले की भी मांग होती है उसके बाद परिवार और उसका बच्चा दोनों एक-दूसरे को ठीक से पसंद करते हैं तो बात बनती है,


कुछ लोग इस कदर लड़की चाहिए जोकि कि सरकारी ऑफिसर हो और साथ हि संस्कारी हो या सुन्दर सुसील संस्कारी हो जो हर कदम परिवार के साथ हो। दोनों परिवार के सदस्यों के जांच पड़ताल करने और अपने बच्चे को भी संतुष्ट होने के बाद अंतिम चरण में पहुँच गता है औरफिर अंत में लड़के के घर पर एक और बैठक की व्यवस्था की जाती हैंफिर कुछ सगुन और बुनियादी रसम किए जाते और उसे अगली आगामी सगाई के रूप में अपनी बेटी की शादी के लिए बुक किया लड़के जाता हैं।